Wednesday, September 10, 2008

जोर से बोलो

आज कल राज ठाकरे के बयां सुन कर जरा ज्यादा ही मजा अ रहा है। महाराष्ट्र और मराठियों का पूरा ठेका वो ही तो ले कर बैठे है। खैर गलती उनकी भी तो नही है, वो तो सिर्फ़ ठाकरे परिवार की परम्परा को ही आगे बढ़ा रहे है ।
मासूम बिहारियों का बॉम्बे से भागना तो समघ में आता है ,लेकिन अमिताभ बच्चन का इस तरीके से माफ़ी मांगना बिल्कुल भी समझ में नही आता । उनको ये बात अच्छी तरीके मालूम होनी चाहिए की वो एक महान kalakar है , और उनकी भी एक garima है । ये बात सच है की माफ़ी mangne से कोई छोटा बड़ा नही हो jata।
लेकिन इसका matlub ये तो नही की वो हर किसी से माफ़ी mangte रहेंगे । और filhal तो तो हर ऐसे गलती की भी माफ़ी mang रहे है जो गलती उन्होंने नही भी की है।
मई सिर्फ़ अपने ब्लॉग के मध्यम से सिर्फ़ इतना kahna चाहता हूँ की हम marathiyo का samman करते है पर इसका matlub ये नही की हम अपनी matra भाषा ही बोलना छोड़ दे।
हम bhartiya है और hame इस शब्द को इतनी जोर से बोलना चाहिए की राज के कान खुल जाए और वो सिर्फ़ marathi धर्म को भूल कर bhartiya होना भी जान सके।

Thursday, August 28, 2008

hai i am amit

aap log sonch rahe honge ki maine apna naam amit dardedil kyon rakha